लेखनी प्रतियोगिता -14-Jun-2023 "ग़ज़ल"
ग़ज़ल
कुछ लोगों हैं ऐसे जो मुझे दूर से ही हँसने की वज़ह दे जाते |
बनके एहसास खुशियों का वो आसपास ही कहीं जगमगाते है ||
मेरी ख़ामियों को बता मुझे राह सीधी दिखलाते हैं ।
हौसला मेरा बड़ा करके मुझे सोने सा दमकाते है ।।
नाकामियों से मेरी, मुझे वो हरपल लड़ना सिखाते हैं।
मेरे होने का कहीं ना कहीं वो एहसास मुझको दिलाते हैं ||
ज़रूरी नहीं होता है देखाना, जाना और परखा सभी को।
अंधरों में बन चराग़ दूर से राह वो जो भटके को दिखाते हैं।।
मेरी जीवन की बाग़ियाँ में भी कुछ फूल ऐसे खिलते हैं।
जो बन करके ख़ुशबू मेरे ख़्वाबों में चार चाँद लगाते हैं ।।
इनायतें उस खुदाया की मुझ पर दम- ब- दम बरसती है।
मुझे अपने बेशुमार फ़रिश्तों की नेमतों से वो गुलज़ार करते है।।
निख़ारा है 'लेखनी' तुमने, मंच अपना मुझे दे करके ।
शुक्रिया 'अता तह दिल से हम, इस मंच के सदस्यों का करते हैं।।
मधु गुप्ता "अपराजिता"
वानी
24-Jun-2023 10:17 AM
Nice
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Abhilasha Deshpande
22-Jun-2023 03:11 PM
Very nice
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
15-Jun-2023 08:56 AM
बहुत ही सुंदर सृजन
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Madhu Gupta "अपराजिता"
15-Jun-2023 11:37 AM
बहुत बहुत धन्यवाद और आभार🙏🙏
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